रिश्वत लेते पकड़े गए नायब तहसीलदार को तीन वर्ष का कठोर कारावास, 25 हजार जुर्माना
■रिश्वत लेते पकड़े गए नायब तहसीलदार को तीन वर्ष का कठोर कारावास, 25 हजार जुर्माना
■खतौनी में तीन भाइयों का नाम चढ़ाने के लिए मांगे थे 2500 रुपये, विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा था
■सितारगंज। अपर जिला जज प्रथम विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण नीलम रात्रा ने रिश्वत लेने के आरोपी सर्वे नायब तहसीलदार को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषी को तीन वर्ष के कठोर कारावास और 25 हजार जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। शक्तिफार्म सितारगंज के जयंतनगर निवासी शंकर विश्वास ने 27 नवंबर 2017 को विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी दादी की मौत के बाद खतौनी में नाम दर्ज करने के लिए नायब तहसीलदार सर्वे संतोष कुमार श्रीवास्तव ने 2500 रुपये की रिश्वत मांगी है। इस बीच विजिलेंस ने 28 नवंबर को नायब तहसीलदार संतोष कुमार श्रीवास्तव को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह मामला अपर जिला जज प्रथम हल्द्वानी की अदालत में विचाराधीन था। मुकदमे की विवेचना निरीक्षक पंकज उप्रेती ने कर न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने अदालत में नौ गवाहों को परीक्षित कराया। इस मामले की पैरवी मुख्य आरक्षी सतपाल राम चिन्याल ने की। अभियोग के केस ऑफिसर निरीक्षक विनोद कुमार यादव रहे। अपर जिला जज नीलम रात्रा की अदालत ने दोषी नायब तहसीलदार संतोष कुमार श्रीवास्तव को तीन कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 25 हजार का जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।