यूपी की ईट से उत्तराखंड को राजस्व की चपत,संबंधित विभाग कुंभकर्णी निद्रा में!
■यूपी की ईट से उत्तराखंड को राजस्व की चपत
■पाँचो विभाग पुलिस, परिवहन, सेलटैक्स, खनन व राजस्व मिलकर भी नही लगा पा रहे रोक,
■नारायण सिंह रावत
■सितारगंज/उत्तर प्रदेश से आने वाली ईट से उत्तरखंड शासन को हर बिंदु पर रोजाना लाखों रुपए के राजस्व की चपत लग रही है। अफसरों को इस नुकसान की पूरी जानकारी है। लेकिन ईट माफिया पर हाथ नही डाल रहे है। परिवहन, पुलिस, सेलटैक्स खनन और राजस्व विभाग इस मामले में कुम्भकर्णी निद्रा ले रहा है।
सिडकुल की स्थापना होने के बाद फैक्टरियां बड़ी, इसके साथ ही रोजगार बड़ा। स्थानीय व बाहरी प्रदेशों के लोगों की आवाजाही बड़ी। कालोनियां विकसित होने लगी। इस वजह से मकान, उधोगों के लिए ईट की डिमांड बढ़ गई। राज्य में ईंट के भट्टे पर्याप्त संख्या में न होने के कारण उत्तर प्रदेश से ईंट की सप्लाई होने लगीं। लेकिन भट्टा स्वामी उत्तराखण्ड में ईंट बेचकर मोटा मुनाफा कमाने लगे। ईट कारोबार से जुड़े नियमों की धज्जियां उड़ाने लगे। सेलटैक्स, खनन टैक्स सभी तरह के नियमों को तोड़ते रहे। कृषि वाहनों से ओवरलोड राज्य के लिए ईट की सप्लाई माफिया ने तेज कर दी। जो बदस्तूर जारी है। खुलेआम पड़ोसी राज्य से चोरी छिपे ईट तस्करी हो रही है। छोटे कारोबारी शहर के समस्त चौराहे पर ईट की खुलेआम बिक्री कर रहे है। इनके पास ईट सप्लाई से जुड़े किसी तरह के वैध कागजात नही मिलेंगे। जो ईट के इस कारोबार को अवैध घोषित करने के लिए काफी है। बताया जाता है कि इस पूरे खेल के पीछे अधिकारियों की माफिया से साठगांठ चल रही है। परिवहन, सेलटैक्स, पुलिस व खनन विभाग के तार अवैध कारोबारियों से जुड़े है। जिस वजह से चारो विभाग रोजाना हो रहे लाखों के राजस्व की हानि पर चुप्पी साधे है!