आखिर क्यों शासन-प्रशासन भ्रष्टाचार से लिप्त कर्मचारी पर है मेहरबान,जानिए पूरा मामला,

आखिर क्यों शासन-प्रशासन भ्रष्टाचार से लिप्त कर्मचारी पर है मेहरबान,जानिए पूरा मामला,

●लिपिक ने एक ही ठेकेदार पर लुटा दिया मनरेगा का खजाना

●तीन साल में मनरेगा के तहत एक ही फॉर्म को दिया 3 करोड़ 33 लाख 99 हजार का काम,

●दोषी मिलने के बाद भी लिपिक पर नहीं हुई कार्यवाही

●अतिक्रमण हटाने में प्रशासन कर गया खेल


■नारायण सिंह रावत

■सितारगंज। सितारगंज ब्लॉक में मनरेगा के तहत कार्यों में बड़ा घोटाला सामने आया है। ब्लॉक में तैनात एक वरिष्ठ लिपिक ने तीन साल में ही एक ही फर्म पर मनरेगा का खजाना लुटा दिया। चहेती फर्म को 2015 से 2018 में 3 करोड़ 33 लाख 99 हजार का काम दिया गया। इसकी जांच में वरिष्ठ लिपिक दोषी पाया गया लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। सितारगंज ब्लॉक से कार्यों की सूचना मांगने पर पता चला है कि विकासखंड कार्यालय में किशन सिंह बिष्ट वरिष्ठ लिपिक पद पर तैनात है। सितारगंज में विकास कार्यों में सामग्री आपूर्ति के लिए जीत ढाली, आनंद वर्क आनंद राज, ट्रेडर्स गुरु नानक ट्रेडर्स मेसर्स मा हाट कालिका, असद रजा और शाह कांट्रेक्टर पंजीकृत है। वरिष्ठ लिपि किशन सिंह बिष्ठ ने 2015 से 18 के बीच है फर्म में से मैं मेसर्स मा हाटकालिका पर विशेष मेहरबानी दिखाई। बिना टेंडर प्रक्रिया का पालन करते हुए वरिष्ठ लिपिक में मेसर्स मा हाट कालिका ट्रेडर्स को 3 करोड़ 33 लाख 99 हजार के काम दे दिए। जबकि अन्य पांच ठेकेदारों को मामूली काम ही दिए गए। 2017 में पूर्व भाजपा नेता मुकेश राणा ने मामले की शिकायत पर जांच हुई तो इसका खुलासा हुआ। परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी ने मामले की जांच की तो वह दोषी पाया गया। बाद भी लिपिक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इनसेट
लिपिक की है नियम विरुद्ध तैनाती
वरिष्ठ लिपिक किशन सिंह बिष्ट की तैनाती हुई मनरेगा सेल में नहीं है। किशन की सिंह बिष्ठ सामान्य श्रेणी के लिपिक है लेकिन उन्होंने जुगाड़ बिठाकर मनरेगा सेल में अपनी तैनाती करा ली। इसके बाद चाहते ठेकेदार को मनमाना काम दिया।


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सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनवाया है घर
वरिष्ठ लिपिक किशन सिंह बिष्ठ में ब्लॉक की सरकारी जमीन पर भी कब्जा किया है। आरोपी ने जमीन पर घर भी बनवा लिया है। जांच में अवैध कब्जे की पुष्टि में हुई थी। इसके बाद भी प्रशासन मामले को दबाए बैठा है।
इनसेट
वरिष्ठ लिपिक पर मेहरबान हैं अधिकारी
वरिष्ठ लिपिक किशन सिंह बिष्ठ पर अधिकारी भी खूब मेहरबान है। मनरेगा के कार्यों में एक ही फर्म पर पैसे लूटने के बावजूद भी उसे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इधर जमीन कब्जा करने के मामले में वह दोषी पाया गया। इसके बाद भी प्रशासन उसे पर मेहरबानी कर रहा है। इतना सब होने के बावजूद भी विभाग उसे पर मेहरबान है। अनियमितता के बावजूद उसे प्रमोशन भी दिया गया। विभाग ने उसके कारनामों को अंदाज कर वरिष्ठ लिपिक से अब प्रशासनिक अधिकारी भी बना दिया है।
इस बारे में परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी से दुरभाष पर संपर्क किया लेकिन उन्होंने काल नही लिया!

Narayan singh Rawat

Chief Editor 9917435143

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